डिजिटल ट्रांजेक्शन की सुरक्षा पर उठ रहे सवालों के ब्लॉकचेन तकनीक का प्रयोग शुरू
हो र
हा है। 2008-09 में बिटक्वाइन टेक्नोलॉजी द्वारा लाॅन्च की गई यह तकनीक बेहद जटिल और महंगी है। इसे हैक करना मुश्किल समझा जाता है और यह कभी भी हुए सभी डिजिटल ट्रांजेक्शन का ब्योरा रखती है। साइबर क्राइम और हैकिंग को रोकने के लिए ब्लॉकचेन तकनीक को फुलप्रूफ सिस्टम के तौर पर जाना जाता है।
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