Saturday, 19 August 2017

ताली बजाना मतलब जटिल रोगों से छुटकारा पाना, जानिये कैसे


ताली बजाना

भारतवर्ष की साँस्कृतिक विरासत जितनी शानदार है उतनी ही तर्कसंगत भी । हमारी हर किसी रीति रिवाज में कोई ना कोई तर्कसंगत लाभ जरूर छिपा हुआ होता है । हम सभी मानते हैं कि हमारे बुजुर्ग हमसे अधिक समझदार होते हैं लेकिन उनकी कही बातों में छिपी हुई ज्ञान की बातों को समझने की तरफ से हम उदासीन रहते हैं । ऐसी ही एक प्रथा है कि कोई भी समारोह, उत्सव हो या फिर कोई त्योहार आदि या फिर भगवान की आरती गाना सभी में जोर जोर से ताली बजाना ना जाने कब से चला आ रहा है । लेकिन क्या लाभ है ताली बजाने से चलिये जानते हैं इस रोचक लेख में ।

ताली बजाना और उससे जुड़े स्वास्थय लाभ :-

आयुर्वेद का प्राचीन ज्ञान बताता है कि हमारा शरीर और सँसार की प्रत्येक वस्तु पंचमहाभूतों वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी और आकाश से मिलकर बनता है । इसके अलावा ज्योतिषिय ज्ञान बताता है कि हमारे हाथ के अंगूठे में अग्नि महाभूत, तर्जनी में वायु महाभूत, मध्यमा में आकाश महाभूत, अनामिका में पृथ्वी महाभूत और कनिष्का में जल महाभूत का मूल होता है । जब हम ताली बजाते हैं तो दोनों हाथों की उंग्लियों के मिलने से सारे महाभूतों के मूल बार बार मिलते हैं और उनके बार आघात और घर्षण से एक पोजिटिव एनर्जी शरीर में बहती है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाती है । इसके अतिरिक्त ताली बजाने से खून का दौरा बढ़ता है और ताली बजाने से प्रति क्षण हथेलियों में पैदा होने वाली ऊष्मा भी शरीर में अवशोषित होकर कोलेस्ट्रॉल के बुरे प्रभावों को दूर करके धमनियों और शिराओं की सफाई करती है । ज्ञात रहे कि शरीर की शक्ति का आधार शरीर के द्वारा पैदा की जाने वाली ऊष्मा ही होती है यही ऊष्मा ही शरीर में अग्नि का स्रोत होती है ।

ताली बजाना और उसके छिपे हुये अर्थ :-

हमारी सँस्कृति का लोहा सारी दुनिया मानती है और उसके ऊपर रिसर्च करती है । हम किसी छोटे बच्चे को खिलाते हैं उसके सामने ताली बजाते हैं, भले ही यह बच्चे को अपनी और आकर्षित करने की हमारी चेष्टा मात्र हो किंतु इसका बहुत ही गहरा छिपा हुआ मतलब भी है । ताली बजाने से एक पोजीटिव ऊर्जा का सँचार होता है जो छोटे बच्चों के आसपास के वातावरण को शुद्ध करती है । वैसे भी छोटे बच्चों की रोग प्रतिरोधी शक्ति बहुत कमजोर होती है । हम बच्चे को आटे बाटे खेलना सिखाते हैं या आधुनिक भाषा में कहें तो क्लैपिंग करना सिखाते हैं जो शायद उसको सबसे पहला सबक होता है कि बेटा स्वस्थ रहना है तो ताली बजाओ । इसके अतिरिक्त किसी सभा में बहुत सारे लोगों से मिलने पर सभी को अलग अलग हाथ जोड़कर प्रणाम करने का रिवाज आज भी हमारे यहॉ चलता है । बार बार हाथ जोड़कर प्रणाम करना क्या है ? ताली बजाना ही तो है । लेकिन आज किसी को बोल कर देखिये कि ताली बजाओ तो सामने वाला जवाब देता है हम क्या किन्नर हैं जो ताली बजायें । लेकिन यही पर एक बात और सोच कर देखिये कि आप खुद को या किसी और को डॉक्टर को दिखाने जाते हो तो वहॉ लाईन से आपको स्त्री और पुरुष अपनी बारी का इन्तजार करते दिखेंगे लेकिन किन्नर एक भी नही दिखता कही इसका कारण यह तो नही कि वो सारे दिन ताली बजाते रहते हैं ।

ताली बजाना और उसका समर्थन करती चिकित्सा पद्धती :-

चीन और जापान देशों की सर्वाधिक प्रचलित चिकित्सा पद्धतियों एक्यूप्रेशर और एक्यू पंक्चर का मानना है कि बायें हाथ की हथेली में फेफड़े, लीवर, गॉल ब्लैडर, किडनी और छोटी और बड़ी आँत एवं दायें हाथ की हथेली में साइनस के दवाब बिन्दु होते हैं । बार बार ताली बजाने से इन दवाब बिन्दुओं पर दवाब बढ़ता है जिस कारण इन अंगों में रक्त का सँचार बढ़ता है और सम्बन्धित रोगों में लाभ मिलता है ।
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