1) लिट्टी चोखा :-
बिहार का नाम लेते ही जेहन में सर्वप्रथम इसी की तस्वीर आती है| बुजुर्गों का कहना है, दूर-देस जाना हो तो रास्ते के लिए यही बेस्ट है| बिहार ही नहीं, अब तो विदेशों में भी मशहूर हो चला है| और इसे खाने का मजा तो बस ना ही पूछो| मतलब हर मौसम सबकी पसंद… नॉन अदर देन लिट्टी-चोखा| पहले के भोज से नदारत ये आइटम अब हर छोटे-बड़े- भोज का आवश्यक हिस्सा है| बस इतना समझ लो पॉपुलैरिटी बढ़ रही है लिट्टी-चोखा की| मान भी जाईये जनाब, हमारा यह ठेंठ देहाती कहलाने वाला खाना अब ऑन डिमांड रहने लगा है
2) पिट्ठा :-
पिट्ठा तो हर मौसम में बनाया- खाया जा सकता है मगर पूस का पिट्ठा खास है। पूस महीने में बिहार के हर घर में कम से कम एक बार पिट्ठा बनने की परंपरा है। यह हमारा देसी मोमो है। भरवां के तौर पर दाल, आलू, खोया, तिसी या ऐसे ही अलग-अलग चीजें इस्तेमाल में लायीं जाती हैं।
3) निमकी-ठेकुआ:-
ये उन स्नैक्स में आता है जो हर घर, हर मौसम बनाया-खाया जाता है, बिहार में| हर स्टेशन पर बिकता हुआ मिल जायेगा निमकी, और वो भी स्पेशल चटनी या अचार के साथ| और ठेकुआ के क्या कहने! छठ पूजा में ठेकुआ प्रधान होता है| स्वादिष्ट मीठे ठेकुए का सोच कर बस खाने का मन हो गया by god!
4) मुरब्बा :-
बिहार के किसी गाँव में जाईये| स्वागत में अक्सर मुरब्बा ही पेश किया जाता है| भातुआपाग का मुरब्बा गर्मियों के लिए और आंवला का मुरब्बा सर्दियों के लिए|
5) तिल लाई लढूंढा :-
ठेंठ बिहारी स्नैक्स| गाँव-घर में बच्चे ठंढे की हर शाम को तिलवा या ढूंढा या लाई खाते हुए मिल जायेंगे| अलग-अलग जगह पर इसे अलग नाम से जानते हैं| लेकिन बात तो वही है न| चुरा या भूंजा को गुड़ के साथ बाँध कर बनाया जाता है| खाने में मसक्कत करनी पड़ती है लेकिन स्वाद के लिए तो सब जायज है गुरु!!
6) तिलकुट
गुड़ और चीनी दोनों से अलग अलग फ्लेवर में बनने वाला तिलकुट और अनर्सा मकर-संक्रांति के पहले से ही बाजार में छाया रहता है| फायदेमंद तो है ही, स्वादिष्ट भी है| हमारे यहाँ स्नैक्स के तौर पर इस्तेमाल होने वाले घर में उपलब्ध खाद्द सामग्रियों में से एक| गया की तिलकुट… नाम तो सुने ही होंगे!
7) अनर्सा
बिहार का नाम लेते ही जेहन में सर्वप्रथम इसी की तस्वीर आती है| बुजुर्गों का कहना है, दूर-देस जाना हो तो रास्ते के लिए यही बेस्ट है| बिहार ही नहीं, अब तो विदेशों में भी मशहूर हो चला है| और इसे खाने का मजा तो बस ना ही पूछो| मतलब हर मौसम सबकी पसंद… नॉन अदर देन लिट्टी-चोखा| पहले के भोज से नदारत ये आइटम अब हर छोटे-बड़े- भोज का आवश्यक हिस्सा है| बस इतना समझ लो पॉपुलैरिटी बढ़ रही है लिट्टी-चोखा की| मान भी जाईये जनाब, हमारा यह ठेंठ देहाती कहलाने वाला खाना अब ऑन डिमांड रहने लगा है
2) पिट्ठा :-
पिट्ठा तो हर मौसम में बनाया- खाया जा सकता है मगर पूस का पिट्ठा खास है। पूस महीने में बिहार के हर घर में कम से कम एक बार पिट्ठा बनने की परंपरा है। यह हमारा देसी मोमो है। भरवां के तौर पर दाल, आलू, खोया, तिसी या ऐसे ही अलग-अलग चीजें इस्तेमाल में लायीं जाती हैं।
3) निमकी-ठेकुआ:-
ये उन स्नैक्स में आता है जो हर घर, हर मौसम बनाया-खाया जाता है, बिहार में| हर स्टेशन पर बिकता हुआ मिल जायेगा निमकी, और वो भी स्पेशल चटनी या अचार के साथ| और ठेकुआ के क्या कहने! छठ पूजा में ठेकुआ प्रधान होता है| स्वादिष्ट मीठे ठेकुए का सोच कर बस खाने का मन हो गया by god!
4) मुरब्बा :-
बिहार के किसी गाँव में जाईये| स्वागत में अक्सर मुरब्बा ही पेश किया जाता है| भातुआपाग का मुरब्बा गर्मियों के लिए और आंवला का मुरब्बा सर्दियों के लिए|
5) तिल लाई लढूंढा :-
ठेंठ बिहारी स्नैक्स| गाँव-घर में बच्चे ठंढे की हर शाम को तिलवा या ढूंढा या लाई खाते हुए मिल जायेंगे| अलग-अलग जगह पर इसे अलग नाम से जानते हैं| लेकिन बात तो वही है न| चुरा या भूंजा को गुड़ के साथ बाँध कर बनाया जाता है| खाने में मसक्कत करनी पड़ती है लेकिन स्वाद के लिए तो सब जायज है गुरु!!
6) तिलकुट
गुड़ और चीनी दोनों से अलग अलग फ्लेवर में बनने वाला तिलकुट और अनर्सा मकर-संक्रांति के पहले से ही बाजार में छाया रहता है| फायदेमंद तो है ही, स्वादिष्ट भी है| हमारे यहाँ स्नैक्स के तौर पर इस्तेमाल होने वाले घर में उपलब्ध खाद्द सामग्रियों में से एक| गया की तिलकुट… नाम तो सुने ही होंगे!
7) अनर्सा
दीपावली का विशेष व्यंजन अनरसे (Anarse) है, सामान्यतया यह उत्तर भारत में अधिक प्रचलित है.अनरसे दो तरह के बनाये जा सकते है. गोल गोल गोलियां या चपटी टिकियां जैसे. गोल गोल अनरसे खाते समय कुरकुरे के साथ साथ अन्दर से मुलायम होते है जिनका स्वाद एकदम अलग होता है
8) सोनपापड़ी :-
यूँ तो पुरे बिहार में खाया और पाया जाता है, लेकिन बक्सर की शुद्ध घी वाली सोनपापड़ी के क्या कहने… बस मुंह में रखो और घुल जाये!! यह मिठाई हम सब के बचपन की यादों में रही है| शायद आपको भी याद हो जब कुछ पुरानी कॉपी देने पर उस साईकिल वाले आदमी से हवा मिठाई या सोनपापड़ी मिलती थी| हमारी तो सारी कॉपी इसी के नाम हुआ करती थी|
9) खाजा :
बिहार में होने वाला कोई भी शादी-व्याह तब तक अधूरा है मशहूर खाजा ग्रामी ना मिले| ये यहाँ रिवाजों का एक हिस्सा भी हैं| नालंदा के सिलाओ का खाजा … आहा !!
10 ) चुरा-दही :-
अन्य जगहों पर मकर संक्रांति को खाया जाने वाला ये वो डिश है जो बिहार के कई जिलों के संस्कार का हिस्सा है| हर छोटे-बड़े समारोह में इसका होना अनिवार्य है| और अगर दही का असल मज़ा लेना हो तो चले जाईये उत्तर बिहार के किसी जिले में, आनन्द से खाते-खिलाते हैं, दही-चुरा|
11) चिप्स-तिसौरी-पापड़ :-
शहरी लोग बाजार से खरीद कर खाते हैं, और हम ठेंठ बिहारियों के यहाँ ये घर-घर बनाया जाता है| उत्सव सा माहौल होता है जब महिलाएं इन्हें बनाने चलती हैं| गाँवों में तो गीत गाते हुए बनाया जाता है| एक-एक चिप्स-तिसौरी-पापड़ में घर का स्वाद ले कर बच्चे दूर होस्टल जाते हैं| साधारण खाने पर भी ये स्वाद का तड़का ना चढ़ा दे तो कहना| मुझे भी पसंद है चिप्स और साबूदाने का पापड़|
12) अचार :
आपको बिहार में कई तरह के अचार का स्वाद मिल सकता है :- आम, आंवला, अमड़ा, नीम्बू, कटहल, सूरन, मिर्च, पपीता, गोबी, मूली, सेम| आहा! खाने की हर थाली में एक अचार हो तो बस और क्या चाहिए|
13) सत्तू का नमकीन शर्बत :
सत्तू का नमकीन शर्बत बहुत ही स्वादिष्ट होता है, ये बिहार की रैसिपी है, इसे गर्मी के मौसम में बनाया जाता है, ये शर्बत बहुत ही ठंडक देने वाला होता है.
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