Friday 18 August 2017

Goat Farming (Bakri Palan) Business – बकरी पालन




अगर आप बकरी पालन के बारे में सोच रहे है और Bakri Palan business start करना चाहते है तो आपके लिए खुशखबरी है|  Goat farming एक ऐसा बिज़नेस है जिसे कोई भी थोड़ी सी लागत / पूंजी और जानकारी के साथ शुरू कर सकता है | साथ ही साथ बकरी पालन में risk और दूसरों business से काफी कम है | वैसे तो आपको goat farming के अनेक business plan मिल जायेंगे परन्तु जब तक practical experience नहीं होगा तब तक कोई भी business को बड़ा रूप नहीं दिया जा सकता है | तो आइये Bakari palan की jankari को साझा किया जाये |

जैसे की हम सभी जानते है की Goat Meat की demand पुरे India में सवार्धिक है और इसकी मांग बढ़ते हे जा रही है |एक अनुमान के मुताबिक goat farming बिज़नेस लगभग 9% की रफ़्तार से बढ़ रहा है और इस व्यापार में बहुत संभावनाए है | चीन (Chin) goat farming के मामले में No.1 है जहाँ लगभग 20 करोड़ बकरिया है और भारत (India) में लगभग 13 करोड़ बकरिया है और 2nd स्थान पर काबिज है |
बकरी पालन के फायदे / Advantage of Goat Farming
वैसे तो Bakari palan के कई fayde है, पर मैं आपको कुछ जरुरी benefits के बारे में बतलाने जा रहा हूँ :

  • बकरी का आकार छोटा ही होता है जिसके कारण इसे छोटे से स्थान में भी पला जा सकता है |
  • बकरी का स्वाभाव काफी शांत होता है और ज्यदा दौड़ धुप नहीं करते है जीने चलते इन्हें एक जगह पर आसानी से पाला जा सकता है |
  • पालतू होने के कारण इन्हें आराम से पाला जा सकता है |
  • इन्हें किसी भी परिस्थियों में पाला जा सकता है |
  • इनके रख रखाव में काफी आसानी hot है और खर्चा भी काफी कम आता है, जिसके कारण इसे कोई भी कम पूंजी में शुरू कर सकता है |
  • बकरी हर साल 1 से 5 बच्चे दे सकती है परन्तु ज्यादातर 2 बच्चे देना आम बात है |
  • ये 1 साल से 14 month तक mature हो जाती है और बच्चे देने के योग्य हो जाती है |
  • बकरी का गर्भाधन लगभग 150 (+ – 3) दिनों का होता है |
  • बकरी लगभग 8 से 10 सालों तक बच्चे देती है |
  • इनका औसतन उम्र लगभग 12 से 15 years तक होता है, अगर अच्छे से पला जाये तो 16 से 17 सालों तक जी सकती है |
  • एक बार बच्चे देने के बाद बकरी लगभग 2 साल तक दूध (milk) देती है जिसे उपयोग में लाया जाता है |
  • बकरी के दूध में अधिक मात्रा में calcium पाया जाता है और anti- bacterial पाया जाता है जो की काफी लाभकारी है |
  • बकरी के दूध अस्थमा (asthma) रोगी के लिए लाभकारी होता है |
  • बकरे को मांस (meat) के लिए और बकरी को दूध अथवा बच्चे देने के लिए उपयोग में लाया जाता है |
  • Goat farming के लिए bank से भी आसानी से loan मिल जाता है |
  • बकरी के गोबर के काफी fayde है, इन्हें खेतों में उर्वरकता बढाने में उपयोग लाया जाता है |
  • West Bengal में 2 Crore, Uttar Pradesh 1.5 Crore और कर्णाटक (Karnataka) में 0.5 crore बकरिया है, तो आप इसी बात से business growth का अनुमान लगा सकते है |

Bakari Palan kaise Suru Kare / How to Start Goat Farming

मैं कई बार देखा है की जो लोग बकरी पालन start करना चाहते है, उनके पास जरुरी जानकारी नहीं होते है | तो आइये जानते है bakari palan ke liye kin kin chijo ki jankari hona chahiye, aur kaise Bakari palan ki suruwat kare :
  • जानकारी इकट्टा कीजिये, कोशिश कीजिये की किसी goat farm में जा कर कुछ दिन वहां काम करे ताकि आपको practical knowledge मिल सके |
  • Business के लिए उन बकरियों के नस्ल को पालें जो जल्दी बड़ी होती है जैसे की :
  1. बरबरी (barbari goat)
  2. सिरोही (Sirohi goat)
  3. मारवाड़ी (Marwari)
  4. ब्लैक बंगाल (black bangal)
  • बकरे के खुरो में अक्सर गिले रहने से बीमारी होती है, अथवा इन्हें हमेशा सुखी जगह में रखे |
  • सभी बकरियों का टीकाकरण अवस्य समय पर करवा लिया करें | जिसमे की PPR का टिका को जरुरु दिलवायें |
  • बकरियों में भी पेट में कीड़े होते है, इसलिए हर 3 से 4 months में deworming करा लिया करें |
  • बकरी पालन की सुरुवात करने के लिए आप 10 बकरियों और 2 बकरों के साथ शुरू कर सकते है | और चाहे तो बकरियों के बच्चे के साथ (5 month) से शुरू कर सकते है |
  • शेडिंग (shedding) बनाने समय कम से कम 6 feet की ऊचाई रखे |
  • बकरिया उची जगह पर बैठना पसंद करती है, इसलिए जमीन से कम से कम 1 से 2 feet उचा स्थान (लकड़ियों) बना कर bed नुमा रखे ताकि बकरिया आराम कर सके |
  • ठण्ड के समय शेड के ऊपर पुवाल दाल कर रखे ताकि ठण्ड से बकरियां बच सके |
बकरियों के खाने का प्रबंध / Good foods for Goat
  • पानी हमेशा साफ़, स्वछ रखे और 24 घंटे उपलब्ध रखे |=
  • हरे घास के अलावे निचे दिए गये खाद्य प्रदार्थ को मिश्रण कर की बकरियों को खिलिया करे जिससे वे जल्दी बढे :
  1. खाने में मक्का (50 gram)
  2. खली (10 kg)
  3. चोकर (30 kg)
  4. गुड़ (7 kg)
  5. नमक (1 kg)
  • खाने में निचे दिए गये पत्तो को दिया जा सकता है, जैसे की :
  1. बबुल के पत्ते
  2. पीपल के पत्ते
  3. रिया के पत्ते
Note: बकरियों के नस्ल के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ पढ़े |

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