Friday 18 August 2017

Gulab ki Vaigyanik Kheti ki Jankari – गुलाब फूल की खेती



Phoolon ki Kheti jaise Gulab ek kafi accha business ho sakta hai agar aap ise vaigyanik tarike se kare.  To chliye aaj jante hai rose farming (गुलाब की खेती) kaise kare, iski jankari aur gulab ke phul ka business kaise badaya jai. वैसे तो हमारे देश में कई प्रजाति के और बहुत से खूबसुरत फूल पाये जाते हैं लेकिन उन सभी में गुलाब का फुललोगो को बहुत ही पसंद आता है। गुलाब के कई रंग होते है जैसे – लाल, पिला, गुलाबी आदि, इसलिए अक्सर लोग गुलाब के फूलो का बहुत से जगह पर इस्तेमाल करते है जैसे  किसी function में गुलदस्ते का देना, शादी में गाड़ी को सजाना, या फिर पूजा में चढ़ाना । गाँव से लेकर शहर तक, इसकी अच्छी demand है। इसलिए गुलाब की खेती करने से किसानो को बहुत फायदा हो सकता है। तो आइए हम जानते है की गुलाब की खेती करने की विधि क्या है।


गुलाब की खेती कैसे करे / How to start Rose farming business

Yahan do rai nahi hai ki kafi sare log ab kehti apna rahe hai aur accha paisa bhi kama rahe hai, jisme se ki gulab ki kheti bhi ek hai. Agar scientic tarike se rose farming ka business kiya jaye to naa kewal aap accha kama sakte hai balki kai logon ko rojgar bhi de sakte hain.
ऐसे और भी खेती के business हैं जैसे अनार की खेती, मशरुम की खेती, इत्यादि जिसकी जानकारी यहाँ दी गयी है |

भूमि का चयन 

किसी भी चीज़ के खेती करने से पहले आपको भूमि का अच्छे से चयन और inspection करना होता है। इससे आपको गुलाब के फूल के खेती में सफलता प्राप्त होने की संभावना बढ़ जाती है। अगर आप अच्छे से तैयारी कर ले और मन बना ले, तो ऐसा माना जाता है की गुलाब की खेती किसी भी तरह के भूमि पर किया जा सकता है ।फिर भी जादातर कृषि वैज्ञानिको का कहना है   की गुलाब की खेती के लिए बालुई दोमट मिट्टी वाली भूमि का चयन करे जिसमे जल का निकास अच्छा हो। इससे फुल की अच्छी उत्पादन होती है । खेती शुरू करने से पहले भूमि की अच्छे से लगभग 6 से 7 पी.एच. तक का गहरा जुताई कर लेना चाहिए।

जलवायु

वैसे तो हमे गुलाब का फुल सालो भर देखने को मिलती है। लेकिन अगर आपको अच्छे और बड़े बड़े गुलाब के फुल चाहिए तो इसके लिए आप ठण्ड के मौसम में इसकी खेती करे। march के महीने में गुलाब के फुल की खेती करना सही होता है क्योंकि इस समय का तापमान कम होता है और कम तापमान की वजह से इस मौसम में फुल अच्छे से फूलते है। अगर april में तापमान कम होगा तो भी गुलाब अच्छी Quantity में खिलेगी। गुलाब के अच्छे उत्पादन के लिए अधिक मात्रा में धुप और नमी (moisture) की जरुरत होती है।

गड्ढो की खुदाई और खाद

जब खेती के लिए जुताई का काम पूरा हो जाये तो पौधा रोपने की तैयारी करनी चाहिए। इस काम के लिए may और june का महिना सही होता है ।

  • सबसे पहले गहरे गड्ढे खोद ले। गड्ढा कम से कम 40 से 50 से.मि. गहरा होना चाहिए।
  • गड्ढा खोदने के बाद उसमे से सारे खरपतवार साफ़ कर लेना चाहिए।
  • उसके बाद गड्ढे को कम से कम 10 से 12 दिन के लिए खुला छोड़ दें इससे मिट्टी के सारे कीड़े मकोड़े और सारे (फफूंदी)fungus ख़त्म हो जायेंगे।
  • उसके बाद उस गड्ढे में कम से कम 25 से 30 से.मि. मोटाई कर के गोबर का खाद गड्ढे के ऊपर तक भर देना चाहिए।
  • फिर गड्ढे में मिट्टी भर कर उसमे पौधा रोप दें ।
  • पौधा रोपने समय दो पौधे के बिच की दुरी कम से कम 40 से 50 से.मि. होनी चाहिए ।

गुलाब की 5 किस्मे होती  है 

हाईब्रिड टी (Hybrid Tea ) – इसमें बड़े बड़े फुल होते है और झारियां भी बहुत लम्बे घने होते है। इसकी एक और खास बात ये है की इसकी हर एक ताने में एक फुल जरुर से निकलते है।
फ्लोरीबंडा (floribunda हाइब्रिड टी के मुताबिक फ्लोरीबंडा किस्मो के फुल छोटे-छोटे होते है और इस किस्म के फुल एक साथ बहुत ज्यादा नहीं लग पते है।
पोलिएन्था (Polyanthas)  – इस किस्म के फूलों का shape हाइब्रिड टी और  फ्लोरिबंडा  से छोटा होता है  लेकिन गुच्छा  आकार में फ्लोरीबंडा किस्म से भी बड़ा होता है।
मिनिएचर (Miniature) – इस किस्म के पौधे को आप अपने घर पर भी गमले में लगा सकते है। इसके फूल और पत्ते दोनों हीं छोटे छोटे होते है।
लता गुलाब – हाइब्रिड टी और फ्लोरिबंडा गुलाबों की शाखाएँ लताओं की जैसे बढ़ती जाती है  जिसके कारण उन्हें लता गुलाब भी कहा जाता  है।

पौधे की सिचाई 

पौधे की सिचाई बहुत ही जरुरी होती है। मौसम को देखते हुए पौधों की सिचाई करते रहना चाहिए। गुलाब की खेती में पौधा रोपने के तुरंत बाद सिचाई करना चाहिए। उसके बाद हर 15 दिन में सिचाई करना चाहिए।

किट पतंग से बचाव

माहू या चैंपा  नामक किट गुलाब के पौधों को नष्ट कर देता है । ये कीड़े छोटे आकार के होते है और जादातर january और february के महीने में लगते है । इस कीड़े के लग जाने से पौधा मुरझा जाता है इसकी वजह से फुल और कलियाँ झड़ जाते है।
शल्क कीट जो लाल भूरे रंग के दीखते है ये अक्सर जड़ के आसपास वाली शाखाओं में लगते है। ये किट पत्तो को नष्ट कर देते है ।
इन सब कीटो से बचने का तरीका ये है की आप नीम का काढ़ा बना कर  या फिर गौमूत्र को माइक्रो झाइम के साथ मिलाकर 250 मि.ली. हर पम्प में डालकर फसल के चारो ओर छिड़क दे।

कटाई – छटाई

गुलाब के पौधे की कटाई छटाई लगभग एक साल बाद शुरू कर दी जाती है। सही समय पर सही तरीके से पौधे की कटाई छटाई करते रहने से अच्छे फुल की उत्पादन होती है। सूखे और कीटो से ग्रसित टहनियों को काट के हटा देना चाहिए। कटाई छटाई के बाद पौधे के कटे हुए सर पर ताजा गोबर को लगा देने से fungus नहीं लगता है।

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