1. According to Rajiv Dixit, every woman must use hand atta chakki because it is helpful for normal delivery of her baby during pregnancy. Pregnant women will never face dangerous operation because hand atta chakki makes woman's whole internal body flexible with scientific way. Proof is following video.
2. Hand atta chakki will helpful for your digestion system. If you do small exercise on this, your digestion system will become strong. So, by eating low food, you can increase your blood. So, it will reduce your useless fat.
3. Hand atta chakki will decrease the cost of production of atta. If you use it, this cost will become zero
The images represent actual product though color of the image and product may slightly differ.All our collection are made on the basis of information collected from diffrent sources like some popular blog, forums and indication mentioned on the product wrapper. So, all the herbal medicine should be used under Medical Supervision only.
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ॠषी वागभट्ट के अनुसार आटा 15 दिन से ज़्यादा पुराना ना हो: गेहू का 15 दिन, बाजरा, मक्का, जौ 7 दिन से ज़्यादा पुराना नही, कारण: 15 दिन से पुराने आटे के पोष्क तत्व नष्ट हो जाते है केवल हमारा पेट ही भरता है शरीर को कुछ भी नही मिलता परिणाम: बीमारी. इसलिये हमारे देश मे गर्म रोटी और गर्म खाना खाने और खिलाने की परम्परा है, गर्म रोटी खाने का सौभाग्य केवल भारत के ही लोगो को नसीब है, यूरोप,अमरीका आदि देशो के लोगो को तो इस्का स्वाद तक मालूम नही. पूरे विश्व मे 330 करोड महिलाये है जिसमे मात्र 50 करोड ही रोटी बनाना जानती है और वो देश भारत ही है. यूरोप मे तो केवल पाव रोटी या डबल रोटी ही है, उसे बर्गर कह लो, पिज्जा कह लो, होटडोग कह लो, PREPRATION तो एक ही है, चाहे आलू से खाये या प्याज से, बकरे के मांस से या गाय के मांस से या मछ्ली से वहा कुछ और है ही नही इसलिये हजारो साल पहले भोजन की खोज भारत मे ही हुई और हजारो साल बाद भी होगी तो भारत मे ही होगी. यूरोप मे तो भोजन है ही नही, भोजन हो तो खोज हो, वहा तो आटे या मैदे को सडा करके (FERMANTATION) करके पाव रोटी या डबल रोटी ही है. तो: ना खाये, इसीलिये हमे अब समझ मे आया कि हमारे पास कितनी VALUEABLE (कीमती)चीज है "गर्म रोटी" "ताजा आटा" "मतलब पोष्कता" आप कहेंगे कि कहा से लाये:चक्की, आज से 40-50 साल पहले भारत के हर घर मे चक्की से ही ताजा आटा पीसा जाता था. हमने एक गांव की 90 माताओ पर सर्वे किया तो पता चला कि उन 90 माताओ मे से किसी को भी ओपरेशन से बच्चे का जन्म नही हुआ मतलब साफ है कि बगैर किसी डाक्टर की मदद के बच्चे का जन्म करवाना. कारण:माताओ के शरीर के मध्य मे नाभी के पास एक गर्भाश्य स्थित है, जब माताए चक्की चलाती है तो दबाव हाथ के बजाय पेट पर पडता है, जिससे गर्भाश्य के आस पास हलन- चलन (ELASTICITY) बढती है, शरीर की मांस पेशियो मे मुलायमियत (FLEXIBLITY) बढती है और बच्चे का जन्म आसानी से हो जाता है. कारण: चक्की की मदद से, जब माताए 45 साल की आयु पर पहुचती है तो शरीर मे कुछ हार्मोन बनने बन्द हो जाते है जिसे मिनोपाज़् कहते है उस समय शरीर मे इतने VARIATION होते है कि माताए समझ ही नही पाती कि क्या हो रहा है. जैसे गुस्सा, तनाव, डिप्रेशन, ठंड लगना उसके तुरंत बाद पसीना आना, घबराहट आदि-2 यह सब हार्मोन के बदलाव के कारण होता है, इसे ही माताओ का दूसरा जन्म कहा जाता है. बाघ् भट्ट जी के अनुसार इसे कंट्रोल किया जा सकता है कैसे:चक्की की मदद से, माताए गर्भ की स्तिथि मे 7 माह तक चक्की चला सकती है. अब समझ मे आया कि कितनी अदभुत है ये चक्की. इसीलिये जब भी चक्की का आविष्कार हमारे ऋषियो ने किया होगा तो अवश्य ही किसी माता को ध्यान मे रखकर ही किया होगा. माताए H.R.T.(HARMONS REPLACEMENT THERAPHY)ना करवाए,अगर करवा लिया तो दुनिया का कोई भी डा0 या भगवान भी मेध/मोटापा बढ्ने से रोक नही सकता. आप देखते है ना स्वामी राम देव जी योगा क्लास मे धीरे-2 चक्की चलवाते है, आप सच मे चला ले BY PRODUCT कुछ तो मिलेगा इसलिये एक चक्की ले ही ले. इस चक्की मे विशेष तकनिकी का प्रयोग किया गया है जिसके कारण इसे चलाने मे कम ताकत लगाना पड्ता है तथा 15 मिनट मे 1/2 कि0ग्रा0 आटा पीसा जा सकता है।
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