गलें के अन्दर दोनों तरफ एक एक गाँठ होती हैं जिन्हे टॉन्सिल कहा जाता है । शरीर में किसी तरह का इन्फेक्शन होने पर कई बार इनमें से एक या दोनों गाँठ सूज कर फूल जाती है इस रोग को Tonsillitis अथवा टॉन्सिल होना बोलते हैं, जो गल्र को अन्दर से बन्द कर देती है और दर्द होता है । इसके साथ बुखार होना भी सामान्य बात है । इस रोग की व्यवस्था के लिये हम आपको कुछ अच्छे उपाय इस लेख में प्रकाशित आयुर्वेद क्लीनिक, मेरठ के सौजन्य से बता रहे हैं ।
Tonsillitis के रोग में तुलसी की पत्तियों और बीजों का बहुत अच्छा लाभ होता है । टॉन्सिल का रोगी तुलसी को पत्तों अथवा बीजों को चबाकर खा सकता है और उसके बाद गरम पानी पीना चाहिये । इसके प्रयोग का दूसरा तरीका यह भी है कि तुलसी के पत्तों का अथवा बीजों का काढ़ा बनाकर ताजा ही गरम सेवन किया जाये ।
Tonsillitis में लहसुन का प्रयोग :-
Tonsillitis के रोग में लहसुन का सेवन करना भी बहुत लाभकारी होता है । लहसुन को बारीक बारीक काटकर गुनगुने पानी के साथ सेवन किया जा सकता है अथवा पानी के साथ लहसुन की कलियों को पकाकर उस पानी से गरारे भी रोज दो बार किये जा सकते हैं ।
Tonsillitis में फिटकरी का प्रयोग :-
फिटकरी में बहुत अच्छे एण्टीबॉयोटिक गुण पाये जाते हैं यह शरीर की बहुत सी बीमारियों को दूर करने में सहायता देती है । टॉन्सिल की समस्या में फिटकरी को पीसकर उसका लेप गले पर बाहर की तरफ से करने से यह टॉन्सिल की सूजन को कम करती है । यदि फिटकरी को गरम पानी में घोलकर उसके गरारे किये जायें तो भी यह Tonsillitis की समस्या में बहुत ही ज्यादा लाभकारी सिद्ध होती है । इस प्रयोग को टॉन्सिल के प्रत्येक रोगी को जरूर आजमना चाहिये ।
Tonsillitis में सेंधा नमक का प्रयोग :-
टॉन्सिल की समस्या में सेंधा नमक भी किसी चमत्कार से कम नही होता है । सेंधा नमक का प्रयोग भी गरारे करने के लिये किया जाता है । सेंधा नमक का सेवन भोजन में मिलाकर भी किया जा सकता है ।
Tonsillitis में अदरक का प्रयोग :-
टॉन्सिल की समस्या में अदरक का सेवन जरूर करना चाहिये । अदरक के सेवन से दर्द में कमी आती है और गला भी खुलता है और और शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति भी बढ़ती है । Tonsillitis की समस्या में अदरक को बारीक कतर कर चूसकर खाया जा सकता है अथवा रोटी और दाल में मिलाकर भी खाया जा सकता है । अदरक को कूटकर उसका रस निकालकर भी 5 ग्राम की मात्रा में खाया जा सकता है । ये सभी प्रयोग निरापद हैं ।
Tonsillitis की समस्या में हल्दी का प्रयोग :-
हल्दी चूर्ण को गुनगुने पानी में मिलाकर पिया जा सकता है और गरारे भी किये जा सकते हैं । हल्दी चूर्ण को गले पर लेप करने से भी अच्छे लाभ मिलते हैं ।
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यहॉ दी गयी सभी जानकारी हमारी समझ में पूरी तरह से हानिरहित हैं । फिर भी आपके आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श के बाद ही इन प्रयोगों को करने की हम आपको सलाह देते हैं । याद रखिये आपके चिकित्सक की सलाह का कोई विकल्प नही होता है ।
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Tonsillitis के बारे में प्रकाशित आयुर्वेद क्लीनिक, मेरठ के सौजन्य से इस लेख में दी गयी यह जानकारी आपको अच्छी और लाभकारी लगी हो तो कृपया लाईक और शेयर जरूर कीजियेगा । आपके एक शेयर से किसी जरूरतमंद तक सही जानकारी पहुँच सकती है और हमें भी आपके लिये और बेहतर लेख लिखने की प्रेरणा मिलती है ।
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