Friday, 18 August 2017

Soil Testing Method and Benefits in Hindi – मिट्टी की जाँच

Kya aap Soil Testing se judi jankari khoj rahe hai Hindi mein? Janiye isme kaun sa method use hota hai aur benefits agriculture aur iske vidihi ke bare mein. कृषि के क्षेत्र में भूमि का परीक्षण करना बहुत ही जरुरी होता है, क्योकि बिना परीक्षण के हम यह सुनिचित नहीं कर सकते है की भूमि कृषि के लिए उपज है की नहीं | भूमि की परीक्षण कर हम कृषि के क्षेत्र में अधिक से अधिक फसलो की खेती अच्छी तरह से कर सकते है | भूमि परीक्षण में भूमि की उपलब्धता तथा पोषक तत्वों की मात्रा के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है | भूमि परीक्षण का मुख्य उद्देश भूमि की उर्वरकता को मापना और इसके साथ यह भी पता लगाना की भूमि में कौन कौन से तत्वों की कमी है और हम इसे कैसे पूरा कर सकते हैं |


मृदा परीक्षण के उद्देश्य / Objective of Soil Testing

मिट्टी में पोषक तत्वों का भंडार होता है, और मिट्टी ही पौधे को सीधा खड़ा करने तथा रखने में मदद करता है | किसी भी पौधे को अपना life span को पूरा करने के लिए 16 तरह के पोषक तत्वों की जरूरत होती है | ये तत्व निम्नलिखित हैं :-
  • Carbon
  • Magnesium
  • Phosphorus
  • Oxygen
  • Calcium
  • Hydrogen
  • Nitrogen
  • Potash
  • Zinc
  • Molybdenum
  • chlorine
  • Manganese
  • Boron
  • Iron
  • Copper
आप कोई भी खेती करे जैसे कपास की खेती या फिर केले की खेती करने जा रहे हैं, आप मिट्टी की जाँच जरुर करवा लें |

मृदा का नमूना लेने की विधि / Method of Soil Testing

किसी भी भूमि का परीक्षण करने के लिए हमे निम्नलिखित बातो का ख्याल रखने की आवश्यकता है |


  • किसी भूमि का परीक्षण करने के लिए सबसे पहले भूमि पर W shape का 10-12 जगह जगह पर निशान बना ले |
  • अब चुनी हुई भूमि से मिट्टी का परीक्षण करने के लिए जमीन के उपरी सतह पर यदि किसी तरह का घास-फूस है तो सबसे पहले उसे हटा ले |
  • भूमि को साफ करने के बाद किसी खुरपी या फावडे की मदद से 15-20 cm गड्ढा खोद ले खोदी हुई मिट्टी को एक साफ बर्तन में रख ले, इसी तरह से बाकी सभी चयनित भूमि से मिट्टी को इकट्ठा कर ले |
  • अब इकट्ठा किये हुए मिट्टी को हाथो की मदद से मिला ले अब मिट्टी को किसी साफ कपडे या किसी टब में डाल कर मिट्टी से डेरी बना ले |
  • अब इस मिट्टी को किसी साफ plastic की थैले में डाल ले, यदि मिट्टी गीली हो तो उसे पहले छाया में सुखा ले |
  • अब एक paper में नमूना लेने कि तिथि, खेत की पहचान, सिंचाई करने के उपलब्ध स्रोत, जमीन की ढाल, पानी निकास की जानकारी, पिछले तीन सालो में की गई फसलों का ब्यौरा, अगली की जाने वाली फसलो का ब्यौरा या किसी अन्य तरह की समय का विवरण लिख कर एक कपडे की थैली में डाल कर इसे अच्छे से pack कर Agricultural development laboratory में परीक्षण के लिए भेज दे |
इसके बाद आपको laboratory से मिट्टी के जाँच का report मिल जायेगा जिससे आपको मालूम चल जायेगा की आपके खेत (मिट्टी) में किस चीज की कमी है | और इस कमी को पूरा कर के आप अपनी मिट्टी की उर्वरकता को बढ़ा सकते है और अतः अच्छी फसल प्राप्त कर सकते हैं |

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